#इतिहास के पन्ने
जलियांवाला बाग हत्याकांड (13/4/1919):-
यू तो कहां जाता है कि इतिहास की हर एक घटना एक दूसरे से जुड़ी हुई होती है जो कि कहीं ना कहीं सही भी है पर आज जिस घटना के बारे में हम बात करने वाले हैं उस घटना के लिए हमें प्रथम विश्वयुद्ध द्वितीय विश्वयुद्ध और रौलट एक्ट को जाने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि यह घटना अपने अंदर ही पूरा इतिहास समाए हुए हैं आज हम जाने वाले हैं जलियांवाला बाग हत्याकांड के बारे में ये बात है सन 1919 की जब रॉलेट एक्ट पूरे भारत में छाया हुआ था ,जैसे जैसे समय के साथ रॉलेट एक्ट की जड़े कमजोर हो रही थी उसी क्रम में भारत में जलियांवाला बाग का प्रकोप बरसा तो हुआ कुछ यूं था की :
°जलियांवाला बाग (अमृतसर, पंजाबत )⬇️
10 अप्रैल से 12 अप्रैल के बीच अमृतसर में बेहतर हलचल थी 11 अप्रैल को सरकार ने स्थिति को काबू में रखने के लिए सैनिक शासन पूरे पंजाब में लागू करवा दिया जनरल डायरेक्टर वहा दहशत फैलाने लगा सभा एवं प्रदर्शनों पर रोक लगा दी गई , स्थानीय जनता ने अपने अपने नेताओं की गिरफ्तारी, निष्कासन एवं उन पर किए जाने वाले अत्याचारों के खिलाफ जलियांवाला बाग में एक सभा बुलाई जो ठीक शाम 4:00 बजे शुरू होने वाली थी ।
°जलियांवाला बाग चारों तरफ से मकानों से घिरा हुआ⬇️
°जलियांवाला बाग हत्याकांड की गोलियों वाली दीवारें ⬇️
इसके पश्चात हम देख सकते हैं कि जलियांवाला बाग हत्याकांड ने भारत की आजादी में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाई एवं उस समय भारत में जितने भी आंदोलन चल रहे थे उन सब में एक नया मोड़ ला दिया जलियांवाला बाग हत्याकांड एक भयानक सपने की भांति है जिसने हमारे भारत की आजादी की लड़ाई और हमारे इतिहास में एक बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है
• जलियांवाला बाग हत्याकांड का परिणाम :
1- इस घटना के बाद गांधी जी ने "केसरी हिंद की"उपाधि का त्याग किया जो कि उन्हें अंग्रेजों द्वारा प्रदान की गई थी ।
2- इस घटना के बाद रविंद्र नाथ टैगोर ने "नाइट हुड" की उपाधि का त्याग किया जो कि उन्हें अंग्रेजों द्वारा प्रदान की गई थी।
3- इस घटना के बाद गांधी जी ने अपना पहला आंदोलन 1920 ईस्वी में असहयोग आंदोलन के नाम से शुरू किया ।
4- इस घटना के बाद हिंदू तथा मुसलमानों के बीच एकता की स्थापना हुई जो कि किसी भी देश की आजादी के लिए सबसे महत्वपूर्ण शस्त्र होता है।
5- इसके बाद भारत में जितने भी आंदोलन आजादी प्राप्ति के लिए लड़े जा रहे थे उन सब में एक नया मोड़ आ गया ।